Seva Bhoj Yojana : भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थाएं जैसे गुरुद्वारे, मंदिर, मस्जिद, चर्च, आश्रम आदि हमेशा से ही समाज के लिए नि:शुल्क भोजन और प्रसाद वितरण का कार्य करती रही हैं। इन संस्थाओं द्वारा किए गए इस सेवा कार्य में विभिन्न संसाधनों की आवश्यकता होती है, विशेषकर खाद्य सामग्री की खरीद के लिए। इन सामग्रियों पर भुगतान किए गए करों (GST) को लेकर सरकार ने एक अभिनव पहल की है, जिसे Seva Bhoj Yojana के नाम से जाना जाता है। यह योजना उन धार्मिक और धार्मिक कार्यों में सहायता करने के उद्देश्य से बनाई गई है जो समाज के वंचित वर्गों को नि:शुल्क भोजन प्रदान करते हैं।
Seva Bhoj Yojana का उद्देश्य
Seva Bhoj Yojana का मुख्य उद्देश्य धार्मिक संस्थाओं और चैरिटेबल ट्रस्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे समुदाय के लोगों को नि:शुल्क भोजन प्रदान करने में सक्षम हो सकें। इस योजना के तहत सरकार उन संस्थाओं को सीजीएसटी और आईजीएसटी की राशि का रिफंड देती है जो वे भोजन सामग्री की खरीद पर चुकाती हैं। यह योजना उन्हें अतिरिक्त वित्तीय बोझ से राहत देती है, जिससे वे अपनी सेवा कार्यों को और अधिक प्रभावी तरीके से जारी रख सकें।
Seva Bhoj Yojana की विस्तृत जानकारी
योजना का दायरा
Seva Bhoj Yojana एक केंद्रीय योजना है जो उन संस्थाओं को सहायता प्रदान करती है जो सार्वजनिक रूप से नि:शुल्क भोजन प्रदान करती हैं। यह योजना विशेष रूप से उन संस्थाओं के लिए है जो धार्मिक/चैरिटेबल कार्यों के अंतर्गत नि:शुल्क भोजन (प्रसाद, लंगर, भंडारा) वितरण करती हैं। यह योजना केवल उन्हीं संस्थाओं के लिए उपलब्ध है जो पात्र हैं और इसके लिए आवेदन करती हैं।
योजना के तहत सहायता
इस योजना के तहत, सरकार उन धार्मिक और चैरिटेबल संस्थाओं को सीजीएसटी (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर) और आईजीएसटी (केंद्रीय सरकार का साझा हिस्सा) का रिफंड देती है जो वे भोजन सामग्री खरीदते समय भुगतान करती हैं। इन सामग्रियों में गी, तेल, चीनी, आटा, चावल, दाल, और अन्य कच्ची खाद्य सामग्री शामिल हैं। इन वस्तुओं पर चुकाए गए जीएसटी का रिफंड दिया जाता है, ताकि संस्थाओं का आर्थिक बोझ कम हो सके और वे अपना काम जारी रख सकें।
योजना के अंतर्गत किए जाने वाले कार्य
इस योजना के तहत, धार्मिक संस्थाएं जैसे गुरुद्वारे, मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि अपने स्थानों पर मुफ्त भोजन (लंगर, भंडारा या प्रसाद) वितरण करती हैं। इन संस्थाओं को सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जाती है, जो एक ‘पहले आओ पहले पाओ’ की नीति के तहत दी जाती है। सहायता राशि उस वर्ष के लिए उपलब्ध बजट के अनुसार सीमित होती है।
योजना के लाभ
- धार्मिक संस्थाओं को वित्तीय सहायता:
इस योजना का मुख्य लाभ यह है कि यह धार्मिक संस्थाओं को जीएसटी भुगतान पर वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे उनका खर्च कम हो जाता है। - समाज सेवा को बढ़ावा:
योजना के माध्यम से, धार्मिक संस्थाएं बड़ी संख्या में लोगों को नि:शुल्क भोजन प्रदान कर सकती हैं, जो समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग के लिए बेहद लाभकारी है। - मूल्यवर्धित प्रक्रिया:
इस योजना के माध्यम से, सरकार इन संस्थाओं को सरकारी वित्तीय सहायता देती है जिससे वे अपने सेवा कार्यों को और बेहतर तरीके से पूरा कर पाती हैं।
पात्रता
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए संस्था का निम्नलिखित पात्र होना जरूरी है:
- यह संस्था चैरिटेबल या धार्मिक कार्यों में लगी हो।
- संस्था ने कम से कम तीन साल तक नि:शुल्क भोजन वितरण किया हो।
- संस्था को पहले से ही केंद्रीय/राज्य सरकार से नि:शुल्क भोजन वितरण के लिए कोई सहायता प्राप्त नहीं हो।
- संस्था को हर महीने कम से कम 5000 लोगों को नि:शुल्क भोजन प्रदान करना चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
Seva Bhoj Yojana के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है:
ऑनलाइन पंजीकरण
- दर्पण पोर्टल पर पंजीकरण:
संस्था को पहले दर्पण पोर्टल पर पंजीकरण कराना होता है ताकि उसे एक यूनीक आईडी प्राप्त हो सके। यदि संस्था के पास पहले से यूनीक आईडी है तो वह सीधे मंत्रालय के सीएसएमएस पोर्टल पर पंजीकरण कर सकती है। - मंत्रालय से पंजीकरण प्राप्त करना:
इसके बाद, संस्थाओं को संस्कृति मंत्रालय से एक विशेष पंजीकरण संख्या प्राप्त होती है, जिसके माध्यम से वे अपनी जीएसटी राशि की वापसी के लिए आवेदन कर सकती हैं। - दस्तावेज़ अपलोड करें:
संस्थाओं को सीएसएमएस पोर्टल पर आवेदन पत्र भरकर आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं। इसमें पंजीकरण प्रमाणपत्र, ऑडिट की गई खाता पुस्तिका, और अन्य संबंधित दस्तावेज़ शामिल होते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
- पंजीकरण प्रमाणपत्र की प्रति
- संस्था का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (MoA) या चार्टर
- पिछले तीन वर्षों की ऑडिट की गई अकाउंट्स की प्रतियां
- स्व-प्रमाण पत्र जो यह दर्शाता हो कि संस्था कम से कम तीन वर्षों से नि:शुल्क भोजन वितरण कर रही है।
- जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी प्रमाण पत्र कि संस्था सार्वजनिक धार्मिक कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल है।
- संस्था का पैन या टैन नंबर
- संस्था द्वारा वितरित किए गए भोजन की सूची और संख्या
- आपूर्तिकर्ताओं द्वारा जारी की गई इनवॉयस
निरीक्षण और निगरानी
संस्था की गतिविधियों की निगरानी मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा की जाती है। हर वर्ष कम से कम 5% संस्थाओं की निरीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकारों और जिला प्रशासन के अधिकारी भी इस योजना की निगरानी करते हैं। इन संस्थाओं के पास सभी वित्तीय गतिविधियों का सही रिकार्ड होना चाहिए और यह आवश्यक है कि वे उचित ऑडिट प्रक्रिया से गुजरें।
निष्कर्ष
Seva Bhoj Yojana सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो धार्मिक और चैरिटेबल संस्थाओं द्वारा किए जा रहे नि:शुल्क भोजन वितरण को बढ़ावा देती है। इस योजना के माध्यम से, इन संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे बिना किसी वित्तीय तनाव के समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग के लिए भोजन प्रदान कर सकें। सरकार का यह कदम न केवल समाज में भलाई को बढ़ावा देता है, बल्कि इसे धार्मिक और सांस्कृतिक सहयोग को भी सुदृढ़ बनाता है।
RMEWF योजना 2024: पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए आर्थिक मदद
FAQ
Q1. Seva Bhoj Yojana का उद्देश्य क्या है?
Seva Bhoj Yojana का उद्देश्य धार्मिक और चैरिटेबल संस्थाओं को सीजीएसटी और आईजीएसटी पर आधारित वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे नि:शुल्क भोजन या प्रसाद वितरण कर सकें।
Q2. इस योजना के तहत सहायता किस प्रकार दी जाती है?
इस योजना के तहत, सरकार उन संस्थाओं को जीएसटी की राशि का रिफंड देती है जो उन्होंने विशिष्ट कच्ची खाद्य सामग्री की खरीद के दौरान चुकाई है।
Q3. इस योजना के लिए कौन सी संस्थाएं पात्र हैं?
चैरिटेबल/धार्मिक संस्थाएं, जैसे गुरुद्वारे, मंदिर, मस्जिद, चर्च, आश्रम, जो कम से कम तीन वर्षों से नि:शुल्क भोजन या प्रसाद वितरित करती हैं, पात्र हैं।
Q4. इस योजना में आवेदन कैसे करें?
संस्थाएं दर्पण पोर्टल और सीएसएमएस पोर्टल पर पंजीकरण करके आवेदन कर सकती हैं। इसके बाद उन्हें आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं।
Q5. Seva Bhoj Yojana के तहत कितनी बार आवेदन किया जा सकता है?
संस्थाएं हर तिमाही में आवेदन कर सकती हैं, और आवेदन को एक वित्तीय वर्ष में चार बार किया जा सकता है।
Q6. Seva Bhoj Yojana में आवेदन करने के लिए किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है?
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र, संस्था के मेमोरेंडम, ऑडिट रिपोर्ट, स्व-प्रमाण पत्र, और अन्य संबंधित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है।